कांकेर, Kanker Naxalite । नक्सलियों के शहरी नेटवर्क को तोड़ने के लिए पुलिस लगातार अभियान चला रही है। बीते दो महीनों में पुलिस ने नक्सलियों के शहरी नेटवर्क से जुड़े 14 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने शहरी नेटवर्क के मामले में फरार चल रहे आरोपी वरुण जैन को भी गिरफ्तार कर लिया है। वरुण जैन की कंपनी लैंडमार्क रायल इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड नक्सली क्षेत्र में 25 सड़कों के निर्माण का कार्य रही थी।
नक्सली सहयोग के आरोप में फरार आरोपित वरुण जैन को गुरुवार को राजनांदगांव पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जिसके बाद वरुण जैन को कांकेर पुलिस को सौंप दिया गया है। नक्सलियों को जूता, रूपये, वर्दी का कपड़ा, वायरलेस वाकी-टाकी सेट, बिजली का तार आदि सामग्री भारी मात्रा में पहुंचाने वाले दर्ज प्रकरण में कांकेर पुलिस 13 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी थी और ठेकेदार वरुण जैन 40 वर्ष निवासी कौवरीनभांटा डोंगरगांव रोड राजनांदगांव का नाम सामने आने के बाद से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी।
वरुण जैन के संबंध में जानकारी नहीं मिलने के बाद पुलिस अधीक्षक एमआर आहिरे ने वरुण जैन के संबंध में किसी भी प्रकार की सूचना देने वाले, उसे गिरफ्तार करने वाले को दस हजार रुपये का नगद इनाम देने की घोषणा भी की थी। वहीं बता दें कि वरुण जैन की कंपनी को लगातार नक्सली क्षेत्र में सड़क निर्माण के लिए ठेका मिल रहा था। पुलिस का कहना है कि नक्सली उनके द्वारा किये जा रहे निर्माण कार्य में किसी प्रकार की बाधा नहीं पहुंचा रहे थे।
वहीं दूसरे ठेकेदारों के वाहनों को नक्सलियों द्वारा आग लगा दिया जाता था। इससे नुकसान और भय से दूसरे ठेकेदार इन क्षेत्रों में काम करने के लिए आगे नहीं आ रहे थे। पुलिस अधीक्षक एमआर आहिरे ने बताया कि कांकेर जिले के अंदरूनी क्षेत्र कोयलीबेड़ा, आमाबेड़ा, सिकसोड़, रावघाट और ताड़ोकी में पीएमजेएसवाय विभाग के अंतर्गत 25 सड़कों के निर्माण कार्य में लैंडमार्क रायल इंजीनियरिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड बिलासपुर लगी हुई थी। जिसका डायरेक्टर स्वयं वरुण जैन है।
उन्होंने बताया कि इस संबंध में पीएमजेएसवाय विभाग को पत्र लिखकर जानकारी दे गई है। एसपी ने बताया कि जिले के नक्सल प्रभावित इलाकों में कार्य करने के पहले सुरक्षा के लिए ठेकेदार पुलिस से संपर्क करते हैं, जिस पर पुलिस के द्वारा उन्हें सुरक्षा भी मुहैया करवाई जाती है।
लेकिन कुछ ठेकेदार के द्वारा पुलिस को बिना जानकरी दिए बिना ही कार्य करवाया जाता है। जिस पर अब पुलिस नजर रख रही है, जिससे ऐसे लोग नक्सलियों के सम्पर्क में आकर उनके मददगार न बन जाएं और इसका फायदा उठाकर नक्सली अपने नापाक इरादों में कामयाब ना हो सकें।
या था छत्तीसगढ़
पुलिस अधीक्षक एमआर अहिरे ने बताया कि वरुण जैन 2002 में गुड़गांव से तोमर कंस्ट्रक्शन कंपनी को मिले सड़क निर्माण कार्य को करने राजनांदगांव आया था। इसके बाद उसने अपने बड़े भाई निशांत जैन के साथ 2006 मे लैंडमार्क इंजीनियर कंपनी बनाई। 2013-14 में लैंडमार्क रायल इंजीनयरिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाई। जिसके डायरेक्टर वर्तमान में वरुण और रिचा जैन हैं।
सामान सप्लाई करने का आरोप
एएसपी कीर्तन राठौर ने बताया कि लैण्डमार्क रॉयल इंजीनियर राजनांदगांव के मालिक वरुण जैन द्वारा कांकेर जिला के अंदरूनी क्षेत्रों में रोड़ निर्माण कार्य का ठेका लेकर अपने अधीनस्थ अजय जैन, कोमल वर्मा, तापस पालित द्वारा सीधे तौर पर रोड़ निर्माण कार्य के नाम पर नक्सलियों को जूता, वर्दी का कपड़ा, वायरलेस सेट, दवाई, बिजली तार, रूपये एवं अन्य सामग्री राजनांदगांव एवं अन्य शहरों से खरीद कर लाकर आरोपी मुकेश सलाम एवं राजेन्द्र सलाम के माध्यम से पिछले दो-तीन वर्ष से पहुंचाया जा रहा था। जिसके चलते नक्सलियों द्वारा लैण्डमार्क रॉयल इंजीनियर राजनांदगांव के निर्माण कार्यों में कोई घटना एवं बाधा उत्पन्न नहीं किया जा रहा था, जिसके कारण लगातार उक्त कंपनी द्वारा नए-नए सड़क के निर्माण का ठेका में लिए जा रहे थे ।